कमल उपाध्याय की अफ़वाह
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शोरगुल : शब्दों की कहासुनी। किताब के शीर्षक से आपको इस बात का ज्ञान हो गया होगा कि "शोरगुल" एक कविता संग्रह है। इस संग्रह में प्यार है, द्वेष है, दर्द है, आदर है, व्यंग्य है, वीरता है और बहुत सारा दुःख है।
ईलू कहानी है एक चिड़िया की जिसे उड़ना नहीं आता था लेकिन जब वो उड़ी तो उसके पंखों ने आसमान की
उस ऊँचाई को छू लिया,जहाँ सिर्फ वही पहुँच सकते हैं,जिनके हौंसले बुलंद हो.इस संसकरण में हम ईलू के अपहरण और उसके पिता चीनो की घर वापस लौटने की यात्रा के बारे में पढ़ेंगे.
संदूप की हत्या की तहकीकात करते समय इंस्पेक्टर आदित्य के निशाने पर आनेवाले हर एक संदिग्ध की हत्या होती जा रही है. ऐसे में इंस्पेक्टर आदित्य को इन हत्याओं का मास्टर माइंड कैसे मिलेगा? और कैसे सुलझेगी संदूप के क़त्ल की गुत्थी? जिसकी लाश की शिनाख्त एक फर्जी डीएनए टेस्ट से हुई है.
जमींदार के हलवाहे शालिक के बेटे ननका को मिठाई खाने का मन था, और जमींदार बाबू मन में जहर पाले हुए थे. इस दीवाली पर क्या शालिक के घर में दीए जलेंगे या मातम मनेगा?
अपनी ही कलाई से बहते खून को देखकर, संगम को लगा कि वो एक स्वप्न में है. तभी उसे लॉन से निकलती एक के बाद एक लाशों का ध्यान हुआ और उसे लगा कि शायद यह हकीकत ही है. स्वप्न और हकीकत की उलझन में उलझे हत्या और कामुक संबंधों के धागों की कहानी.
लंका में रावण ने लोकतंत्र लागू करने का फैसला किया. गरीबी और भ्रष्टाचार के बीच चुनाव हुए. लेकिन लोगों की समस्याएं दूर नहीं हुईं. कमल उपाध्याय की इन कहानियों में आपको झलक मिलेगी कि कैसे चला लंका में लोकतंत्र का यह प्रयोग.
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